Saturday, June 27, 2015

जैसे ख़ुशबू और हवा

मेरे ख्वाबों में
तुम्हारी शिरकत
आज भी उसी तरह रक़्स करती है
जैसे खुशबू और हवा
जहाँ जाएँ
हमेशा साथ चलती हैं
और मैं नींद में भी मुस्कुरा देता हूँ
ख्वाबों को बिखरने नहीं देता
तुम्हारे नाम के मौसम को
नयी उम्र देता हूँ
2009

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