तुम्हारी आवाज़ को छूकर लौटा तो देखा मेरी साँसों का गीलापन अभी तक ताज़ा है तुमने कोई बोसा देकर फिर से आंसू भेजे होंगे मगर इस बार तुम्हारी आँखों की लौ थोड़ी मद्धम थी बिखरते टूटते लम्हों की आहट थी उसमें वो आहट हौले से मैंने छूकर देखी है 2009