ऐ दीप आज कुछ यूँ दहको फूलों, ख़ुशबू की बारिश हो हर ज़र्रा ज़र्रा महका दो मेरे आँगन का इक इक कोना अंगड़ाई लेकर चहक उठे एक ईद मने दीवाली पर सुख़न, प्रेम और जॉय, अनू आतिश मिज़ाज सब झूम उठें महफ़िल ए शायरी रंग में हो ऐ दीप आज कुछ यूँ दहको
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